राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को यूपी के कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे । इस दौरान उनका अपनी जन्मभूमि से विशेष लगाव देखने को मिला। हेलीपेड से उतरते ही सर्वप्रथम उन्होंने अपनी मातृभूमि को नतमस्तक होकर स्पर्श किया और फिर उस धूलि को अपने मस्तक से लगाया। इस दौरान भावुक नजर आये राष्ट्रपति ने कहा कि सोचा नहीं था कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पर पर सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त होगा, लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर दिखाया।
अपने संबोधन में कहा, मैं कहीं भी रहूँ, गांव मुझसे दूर नहीं –
राष्ट्रपति ने अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा मैं कहीं भी रहूँ, गांव मुझसे दूर नहीं। मेरे गांव की मिट्टी की खूशबू और मेरे गांव के लोगों की यादे सदैव मेरे दिल में रहती हैं। मेरे लिए परौंख गांव मात्र नहीं है। यह मेरी जन्मभूमि है, जहां से मुझे आगे बढ़कर देश-सेवा की प्रेरणा सदैव मिलती रही।