क्या जयपुर यातायात पुलिस की किरण बेदी साबित होंगी आईपीएस श्वेता धनखड़

राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में आईपीएस श्वेता धनखड़ एक ऐसा नाम है जिनके चर्चे गांव की चौपाल से लेकर सियासत के गलियारों में खूब जोर-शोर से सुने जा सकते हैं। अपनी प्राइम पोस्टिंग से ही इनकी कार्यशैली ऐसी रही है कि आमजन का पूरे भरोसे के साथ इनमें विश्वास बढ़ता गया तो अपराध की गलियों के शोर को इनके नाम मात्र से ही सन्नाटें में बदलते देर नहीं लगी। हाल ही में राजस्थान सरकार ने अपनी इस जाबांज ऑफिसर को राजधानी जयपुर शहर की यातायात व्यवस्था की कमान सौंपी है। जिसे लेकर ये एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं।


कौन हैं आईपीएस श्वेता धनखड़ –

01 नवम्बर 1983 को जन्मीं श्वेता धनखड़ मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। इन्होंने अर्थशास्त्र में एमए कर रखा है। ये वर्ष 2009 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं। आईपीएस श्वेता धनखड़ की शादी राजस्थान कैडर के वर्ष 2009 बैच के आईएएस ऑफिसर कुमारपाल गौतम से हुई है जो कि मूलरूप से उतरप्रदेश के रहने वाले हैं।

किरण बेदी से रही हैं इंस्पायर –

आईपीएस श्वेता धनखड़ ने द कलंदर पोस्ट से बातचीत में बताया कि टीवी सीरियल उड़ान को देखकर सपना पाला कि मुझे भी आईपीएस बनना है। 12वीं की पढ़ाई के दौरान उस समय चंडीगढ़ की पुलिस आयुक्त एवं देश की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी जी से मुलाकात हुई। उस मुलाकात ने आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया। इस सपने को पूरा करने में पापा ने पूरा सपोर्ट किया। सपने को पूरी मेहनत के साथ जिया और बन गई आईपीएस।

बड़ी जिम्मेदारियां संभाल खुद का लौहा मनवा चुकी हैं –

आईपीएस श्वेता धनखड़ की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा सौंपी गई तमाम बड़ी जिम्मेदारियों को इन्होंने बखूबी निभाया है। वर्तमान में पुलिस कप्तान के रूप में डीसीपी यातायात जयपुर शहर के पद को संभाल रही आईपीएस श्वेता धनखड़ इससे पूर्व डीसीपी जयपुर शहर पूर्व, जिला एसपी राजसमंद, जालौर, एसएसबी जोधपुर, जीआरपी अजमेर, नागौर आदि के पद पर रहते हुए अपना लौहा मनवा चुकी हैं। ये अपनी कार्यशैली से लगातार सरकार की गुड़बुक में शुमार रही हैं।

राजनैतिक दखलअंदाजी कतई पसंद नहीं लेकिन करती हैं विधायिका का पूरा सम्मान –

आईपीएस श्वेता धनखड़ एक ऐसी अधिकारी के तौर पर अपनी पहचान रखती हैं जिन्हें अपने कानूनी दायरे में हो रहे काम में राजनैतिक दखलअंदाजी कतई बर्दाश्त नहीं है लेकिन जो विधायिका का पूरा सम्मान भी करती है। कार्यपालिका के काम में राजनैतिक दखल के सवाल पर इनका कहना है कि लोकतंत्र में नेता जनता के द्वारा चुने जाते हैं और सीधे तौर पर जनता के प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन कार्यपालिका के लोग भी एक सलेक्शन प्रोसेस से चुनकर आते हैं एवं जनता की सेवा के लिए ही कार्य करते हैं। विधायिका एवं कार्यपालिका में कभी-कभार छोटे-मोटे विवाद हो सकते हैं लेकिन उन्हें ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। दोनों को मिलकर ऐसा काम करना चाहिए कि जनता का नुकसान नहीं हो बल्कि जनता के लिए अधिक से अधिक लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

कानून सब के लिए बराबर है कोई वीआईपी नहीं –

देश की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी ( बता दें कि किरण बेदी ने दिल्ली यातायात पुलिस प्रमुख रहते प्रधानमंत्री कार्यालय की अवैध पार्किंग में खड़ी गाड़ी का चालान करवा दिया था ) को प्रेरणा मानने वाली आईपीएस श्वेता धनखड़ ने यातायात नियमों में वीआईपी कल्चर के सवाल पर बताया कि कानून सब के लिए बराबर है। सभी से नियमों का पालन करवाया जायेगा। आमजन को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए लॉ एण्ड ऑर्डर की व्यवस्था हो या यातायात व्यवस्था सब कुछ उसी के अनुरूप किया जायेगा। कोशिश की जायेगी कि जनता भी पूरा सहयोग करे एवं यातायात नियमों का पालन करें।

बच्चियों एवं महिलाओं को करती हैं प्रेरित

आईपीएस श्वेता धनखड़ बच्चियों एवं महिलाओं को विशेष तौर पर इसके लिए प्रेरित करती रहती हैं कि सभी बेटियां एवं महिलाएं अपनी शक्तियों पर विचार करें। कुछ कर गुजरने के सपने देखें एवं पूरे आत्मविश्वास के साथ उसे शुरू करें। जो महिलाएं अपने सपनों को किसी भी कारणवश पूरा नहीं कर पाती वो अपनी बेटियों एवं बहुओं के जरिए उसे पूरा करें। आईपीएस श्वेता धनखड़ बेटियों को प्रेरित करते हुए चाहती हैं कि बेटियों के सभी सपने पूरे हो।

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