कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं जिन पर फ़क्र होना लाजिमी होता है। आज की ये कहानी भी ऐसी ही एक शख्सियत की है जिनका नाम है आईएएस मंजू राजपाल। मंजू राजपाल वर्ष 2000 बैच की महिला आईएएस टॉपर हैं और वर्तमान में राजस्थान सरकार के पंचायतीराज विभाग की सचिव हैं।
नवाचारों के लिए जानी जाती हैं –
आईएएस मंजू राजपाल शुरू से ही अपने नवाचारों के लिए जानी जाती हैं। भीलवाड़ा कलक्टर रहते नरेगा में टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर शुरू किया। इस नम्बर पर स्थानीय भाषा के जानकार कर्मचारी को बैठाया जाता था। शिकायत करने वाले मजदूरों की शिकायत सात दिनों में दूर करने का प्रोजेक्ट शुरू किया। शिकायतकर्ता को एक पहचान नम्बर भी दिया जाता था। भीलवाड़ा में सफल होने के बाद इस सिस्टम को कलक्टर राजपाल ने अजमेर में भी जारी रखा। जिसे काफी सराहा गया।
काम की बदौलत बनी बेस्ट कलक्टर –
आईएएस मंजू राजपाल के काबिलेतारीफ कार्यों की फेहरिश्त बहुत लम्बी है। डूंगरपुर जिला कलक्टर रहते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने पर इन्हें बेस्ट कलक्टर अवार्ड दिया गया।
कार्यशैली एवं सरल स्वभाव से बनी जनता की चहेती –
अपनी कार्यशैली की बदौलत एवं सरल स्वभाव के कारण आईएएस मंजू राजपाल ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है। डूंगरपुर के लोग तो इन्हें अपने पारिवारिक सदस्य की तरह ही मानने लगे थे। वहीं इन्होंने बेटियों को गोद भी लिया।
स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर बनी प्रेरणा की मिशाल –
अजमेर कलक्टर रहते पुष्कर में रात नौ बजे सफाई अभियान की शुरुआत खुद सड़क किनारे बनी एक नाली से की। जब झाडू से काम नहीं चला तो इन्होंने खुद ही नाली में हाथ डालकर कचरा निकाला।
सरल स्वभाव लेकिन काम सर्वोपरि –
आईएएस मंजू राजपाल अपने सहज, सरल एवं सुलभ व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं लेकिन अपने कार्य के प्रति बिल्कुल सजग रहती हैं। किसी भी तरह का दबाव इन्हें नापसंद है। जनता का हित ही इनके लिए सर्वोपरि रहता है।
कई जिलों की कलक्टर से लेकर कैबिनेट सचिवालय में निदेशक भी रही हैं –
आईएएस मंजू राजपाल डूंगरपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, सीकर इत्यादि जिलों में जिला कलेक्टर रह चुकी हैं। सरकार ने इनकी काबिलियत देखते हुए कैबिनेट सचिवालय में निदेशक जैसे अहम पद पर इनकी सेवाएं ली हैं।
आपको जन्मदिवस की अनंत शुभकामनाएँ!
महिला आईएएस जो अपनी कार्यशैली एवं सरल स्वभाव से बनी गर्व की मिशाल।
