नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने 1978 में एक वकील के रूप में काम शुरू किया। वह 1998-99 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष चुने गए। जस्टिस मिश्रा ने आज अपना पदभार संभाला है।
अरूण कुमार मिश्रा को अक्टूबर 1999 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। बाद में उन्होंने 7 जुलाई 2014 को सर्वोच्च न्यायालय में पद संभालने से पहले राजस्थान उच्च न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
बता दें कि जस्टिस मिश्रा के नाम की सिफारिश पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के पैनल ने की थी। नियुक्ति समिति ने भी मानवाधिकार पैनल के प्रमुख के लिए पूर्व एससी न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा के नाम की सिफारिश की थी।
कौन हैं जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ?
मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने विज्ञान में एमए की डिग्री लेने के बाद क़ानून की पढ़ाई की। उनके परिवार में वकालत पहले से है। उनके पिता हरगोविंद मिश्रा जबलपुर हाई कोर्ट के जज थे, जबकि उनके परिवार में कई रिश्तेदार नामी वकील हैं। उनकी बेटी भी दिल्ली हाई कोर्ट की वकील हैं। लगभग 21 सालों तक वकालत करते रहने के बावजूद उन्होंने क़ानून पढ़ाने का काम भी किया और मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े रहे।