राजस्थान की इस पहली महिला आईपीएस अधिकारी के अदम्य साहस एवं उत्कृष्ट कार्यशैली के चर्चें रहते हैं पूरे देश में

प्रधानमंत्री कर चुके हैं राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित तो मुख्यमंत्री बताते हैं क्रंातिकारी

खुद पर कर यकीन तू दुनिया को बदल सकती है…
नहीं मोहताज किसी के सहारे की, जिंदगी के हर पथ पर तू अकेले ही चल सकती है।

जी हां, इन पंक्तियों को सही मायने में चरितार्थ करती नजर आ रही है राजस्थान कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नीना सिंह। आईपीएस नीना सिंह अपने अदम्य साहस एवं उत्कृष्ट कार्यशैली के चलते पूरे देशभर में लगातार चर्चा में बनी रहती हैं। अपनी कार्यशैली के चलते इन्हंे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मानित कर चुके हैं तो प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन्हें क्रंातिकारी अधिकारी बता चुके हैं।

कौन हैं आईपीएस नीना सिंह –

11 जुलाई 1964 को जन्मीं नीना सिंह मूलतः पटना की रहने वाली हैं। पटना वुमन्स कालेज से गै्रजुएशन करने के पश्चात् इन्होंने दिल्ली के जेएनयू से मास्टर्स किया। इसके बाद यूके की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से भी मास्टर्स डिग्री हासिल की। देशभर की सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद इन्हें आईपीएस के तौर पर मणिपुर कैडर मिला था लेकिन शादी के बाद इनका राजस्थान कैडर कर दिया गया। बता दें कि आईपीएस नीना सिंह राजस्थान की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं। वर्ष 1989 बैच की ये अधिकारी वर्तमान में एडीजीपी सिविल राइट्स के पद पर कार्यरत हैं। इनके पति रोहित कुमार सिंह भी राजस्थान कैडर के वर्ष 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जिनकी गिनती भी तेजतर्रार ऑफिसर के रूप में होती है

राजस्थान महिला आयोग की स्थापना में निभाई बड़ी भूमिका –

आईपीएस नीना सिंह शुरू से ही महिलाओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रही है। राजस्थान में राज्य महिला आयोग की स्थापना में सदस्य सचिव के रूप में इनके द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गई थी। यहां रहते इन्होंने महिलाओं के लिए कई सुरक्षा प्रणालियां बनाई। राजस्थान में महिला आयोग का प्रशासनिक ढांचा तैयार करने का श्रेय इन्हें ही दिया जाता है।

सीबीआई में रहते कर चुकी हैं बडे़ केसों को सफलतापूर्वक हैंडल –

आईपीएस नीना सिंह की काबिलियत एवं तेजतर्रार रवैये के कारण इन्हें सीबीआई में भी लम्बे समय तक काम करने का मौका मिला। यहां रहते इन्होंनें अनेको हाई-प्रोफाइल मामलों को सफलतापूर्वक हैंडल किया। सीबीआई में संयुक्त निदेशक रहते आईपीएस नीना सिंह ही वह अफसर थी जिनकी निगरानी में यूपी का एनआरएचएम घोटाला हो या छोटा राजन केस या फिर शीना बोरा हत्याकांड सभी मामलों को अंजाम तक पहुंचाया गया।

राजस्थान की पहली महिला आईपीएस के साथ राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पहली महिला आईपीएस का गौरव भी इनके नाम –

आईपीएस नीना सिंह राजस्थान की पहली महिला आईपीएस अधिकारी तो हैं ही साथ ही राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पहली महिला आईपीएस का गौरव भी इनके नाम ही है। सीबीआई की 21वीं कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इनको यह सम्मान प्रदान किया गया था।

अति उत्कृष्ट आईपीएस सेवा पदक से सम्मानित राजस्थान की एकमात्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक –

आईपीएस नीना सिंह न सिर्फ राजस्थान की पहली महिला आईपीएस और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पहली महिला आईपीएस हैं बल्कि राजस्थान की एकमात्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर की आईपीएस भी है जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अति उत्कृष्ट आईपीएस सेवा पदक के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

मुख्यमंत्री गहलोत बता चुके हैं क्रंातिकारी –

आईपीएस नीना सिंह के एक शोध से प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत इतना प्रभावित हुए कि विधानसभा में बजट बहस पर जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने अपनी इस अफसर के शोध को पुलिस महकमे के लिए क्रंातिकारी तक कह दिया। आईपीएस नीना सिंह ने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अभिजीत मुखर्जी और प्रोफेसर एस्थर डुफलो के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम किया था। आईपीएस नीना सिंह इस प्रोजेक्ट की नोडल अधिकारी रही थी। इस शोध में पाया गया था कि राजस्थान में आम जनता पुलिस को घटनाआंे की सूचना देने से हिचकिचाती है। इसके कारण केवल 29 प्रतिशत मामलों को ही थाने में दर्ज किया जाता है बाकि 71 प्रतिशत मामलें पुलिस तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।

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