चार पीढ़ियों से देश सेवा कर रहा है परिवार,सरहद रही या संसद कर्नल राज्यवर्द्धन राठौड़ रहे सच्चे नायक

खेलों में बढ़ाया देश का मान

29 जनवरी 1970 को जन्में कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ का परिवार चार पीढ़ियों से सेना में रहकर देश सेवा करता आ रहा है। इनके पड़दादा सुबेदार सार्दुल सिंह से लेकर कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह ने 110 साल से अपनी सरज़मीं की सेवा की है। कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह की पत्नी मेजर गायत्री राठौड़ भी देश सेवा कर रही हैं। ये सेना की मेडिकल कोर में थी। इनके पिता कैप्टन मनकोठी भी 10 पैरा कंमाडो में थे। बेटे मानवादित्य सिंह भी शूटिंग में देश के लिए गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ एनडीए के ज़रिए सेना में पहुँचे। कश्मीर में पदस्थ रहते आंतकियों से लोहा लेते हुए कई ऑपरेशन में शामिल रहे। सेना के शिक्षण संस्थान आईएमए से रवार्ड ऑफ ऑनर(तलवार से सम्मानित) से उत्तीर्ण हुए। इन्होंने एथेंस ओलंपिक 2004 में डबल ट्रैप शूटिंग में रजत पदक जीता। इस कामयाबी पर इन्हें पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड एवं राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार( जो अभी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम पर जाना जाता है) से सम्मानित किया गया। कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने सेना से वीआरएस लिया और सक्रिय राजनीति से देश सेवा में लगे हैं। ये वर्ष 2014 से ही जयपुर ग्रामीण सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। मोदी कैबिनेट में युवा एवं खेल मंत्रालय के साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय की कमान सँभाल यहाँ भी अपनी क़ाबिलियत साबित कर चुके हैं। अपने क्षेत्र की जनता से सीधे जुड़ाव रखते हैं। इनकी पत्नी मेजर गायत्री राठौड़ भी अपने कैंपेन के ज़रिए जनता से सीधा संपर्क में रहकर देश सेवा में लगी हैं।

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