सलाम ऑफिसर

आईएएस राजेश वर्मा – पद भी बड़ा, दिल भी बड़ा एवं काम भी बड़ा

कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं कि उनके ओहदे जितने बड़े होते हैं उनके काम भी उतने ही बडे़ होते हैं। आज आये दिन ऐसे समाचार देखने-सुनने को मिल जायेंगे की दहेज के लालची लोगों के कारण बहुत से रिश्तें बन नहीं पाते और यदि बन भी गये तो निभाये नहीं जाते। बिटियां रानी की पिता के घर की खुशियां दहेज के कारण ससुराल में जाकर सिसकियों में बदलने की कहानी कोई नयी नहीं हैं। कई बार तो बेटियों को इसकी कीमत अपनी जान गंवाकर भी चुकानी पड़ती है। लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो पद से ही बड़े नहींे होते हैं वो दिल के धनी और काम से भी बड़े होते हैं। ठीक एक ऐसा ही नाम है – आईएएस राजेश वर्मा। इसी महीने आईएएस राजेश वर्मा ने अपने पुत्र की शादी राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक साधारण समारोह में की है वो भी बिना दहेज के। ऐसे में यह पूरे समाज के लिए सामाजिक कुरीतियों को मिटाने का एक बड़ा संदेश है। आईएएस राजेश वर्मा मूलतः राजस्थान के रहने वाले हैं एवं वर्ष 1987 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। आईएएस राजेश वर्मा वर्तमान में भारत के प्रथम नागरिक कहे जाने वाले राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर रही श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के सचिव पद पर पदस्थ हैं। ये उडीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भी प्रधान सचिव रह चुके हैं।

आईएएस डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी – नवाचार ही जिनकी पहचान


आईएएस डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी अपने नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। जहां भी पदस्थ रहे हैं अपने सरल, सुलभ एवं सौम्य व्यक्तित्व के साथ अपनी विशिष्ठ कार्यशैली ही इनकी पहचान रही है। वर्ष 2010 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ जितेन्द्र सोनी इस समय अलवर जिलाधिकारी की पोस्ट को सुशोभित कर रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर इन्हें नई दिल्ली के विज्ञान भवन मंे आयोजित समारोह में दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु पुरस्कार प्रदान किया है। अलवर कलेक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी को यह पुरस्कार वर्ष 2022 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु उत्कृष्ट कार्य करने पर सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में प्रदान किया गया है। बता दें कि भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले भारतवर्ष के केवल एक जिले को प्रदान किया जाता है।
आईएएस डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी अपने नवाचारों “चरण पादुकाएं“ “रक्त फाउण्डेशन“ “रास्ता खोलों अभियान“ “उजास योजना“ के लिए भी प्रदेश एवं केन्द्र की सरकारों द्वारा पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

आईएएस प्रकाश राजपुरोहित – कलक्टेªट को पेपरलैस करने वाले कलेक्टर

आईएएस प्रकाश राजपुरोहित की छवि जनता के कलेक्टर की है। भला हो भी क्यूँ नही? भारत देश में जहां बाबूशाही से मिलना ही टेढ़ी खीर हो वहां एक ऐसे कलेक्टर का होना की जिनसे ऑफिस समय में किसी भी समय मिला जा सकता हो वो भी बिना किसी रोक-टोक के। बिना किसी अपॉइंटमेंट के या बिना किसी पर्ची सिस्टम के। ये अपने नवाचारों के लिए भी जाने जाते हैं। आईएएस प्रकाश राजपुरोहित फिलहाल जयपुर के कलेक्टर हैं और यहां भी इनका एक नवाचार काबिलेतारीफ है। इन्होंने जयपुर कलक्टेªट में ई-फाइलिंग सिस्टम लागू कर दिया है। अभी संस्थापन शाखा और सामान्य शाखा से ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरूआत की गई है जिसे जल्द ही पूरे कलक्ट्रेट में लागू किया जाएगा। राज्य में ई-फाइलिंग लागू करने वाला जयपुर पहला कलक्ट्रेट है। एक जनवरी से ई-फाइलिंग सिस्टम सचिवालय में भी लागू होने वाला है

आईपीएस पारिस देशमुख – शहीद पुलिसकर्मी की बहन का मायरा भरने वाले भाई

नागौर जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक आईपीएस पारिस देशमुख फिलहाल जयपुर शहर (उत्तर) के पुलिस उपायुक्त लगे हुए है। आनंदपाल प्रकरण में अपने पुलिस जवान खुमाराम की शहादत पर इन्होंने शहीद के परिवार की जिम्मेदारी अपने पर ले ली। ये शहीद खुमाराम की बहन संगीता के एक ऐसे भाई बने की चाहे जहां पदस्थ रहंे हो रक्षाबंधन पर अपनी कलाई पर बहन संगीता से राखी जरूर बंधवाई है। हाल ही में शहीद खुमाराम की बहन संगीता एवं भाई रामेश्वर की शादी हुई जिसमें आईपीएस पारिस देशमुख मायरा लेकर पहुंचे एवं पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम की।

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