न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी: देशसेवा विरासत में मिली, पत्नी भी राजस्थान हाईकोर्ट में जज तो बहन हैं सुप्रीम कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल

Birthday Special: देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स में हजारों की संख्या में जज हैं. लेकिन कुछ जज ऐसे हैं जिनके शानदार निर्णय देश और समाज को एक नई दिशा दिखा देते हैं. ऐसे न्यायमूर्ति जनता के दिलों में भी बस जाते हैं. ऐसे ही हैं राजस्थान हाईकोर्ट में वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी. आज इनका जन्मदिन है. इन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाओं के साथ हम आपको न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी के खूबसूरत सफर और दमदार व्यक्तित्व के बारे में बताने जा रहे हैं.

21 सितंबर 1970 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मे न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी को देशसेवा विरासत में मिली है. इनके पिता केएस भाटी भारतीय एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन रहे हैं. वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में बतौर एडवोकेट अपनी सेवाएं दे रहे हैं. न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी की पत्नी न्यायमूर्ति डॉ. नूपुर भाटी भी राजस्थान हाईकोर्ट में जज हैं. यह दोनों देश के उन गिने चुने दंपति जोड़ों में शामिल हैं जो एक ही हाईकोर्ट में जज हों. यही नहीं, इनकी बहन ऐश्वर्या भाटी भी सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट और भारत सरकार की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल है.

न्यायमूर्ति डॉ. भाटी ने LLB, LLM के साथ न्यायिक क्षेत्र से जुड़े विषय पर पीएचडी करके डॉक्टरेट की उपाधि भी ली. साल 1992 से यह वकालत के पेशे से जुड़े. रिट ज्यूरिडिक्शन, रेवेन्यू, इलेक्शन, माइनिंग, एजुकेशन, पंचायती राज और क्राइम से जुड़े क्षेत्रों में इन्हें महारत हासिल रही हैं. वह राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में 13 अक्टूबर 2008 से 29 दिसंबर 2008 और 6 जनवरी 2014 से न्यायमूर्ति बनाए जाने तक एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर रहे. इसके अलावा राज्य एवं केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में पैनल लॉयर के रूप में लंबे समय तक इन्होंने सेवाएं दीं. डॉ. भाटी राजस्थान बार काउंसिल के मेंबर (2009-2015) और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष (2011-2013) भी रहे हैं.

न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी को खेलकूद से जुड़ी एक्टिविटीज में भी गहन रुचि हैं. वह उत्कृष्ट घुड़सवार, स्विमर, शूटर, सोलो ग्लाइडर पायलट हैं. उन्हें एनसीसी का ‘सी’ सर्टिफिकेट भी हासिल है. इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस और टेलीविजन डिबेट्स में न्यायिक मुद्दों पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई है. वह जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में साल 1990-91 में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी रहे.

बहन ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में देश के कई बड़े मामलों में की पैरवी

न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी की छोटी बहन ऐश्वर्या भाटी हैं. वह न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी को प्यार से दादा बुलाती हैं और अपनी मां के साथ-साथ इन्हें भी अपना गुरु मानती हैं. भारत सरकार की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कई ऐसे बड़े मामलों में देश की सर्वोच्च अदालत में पैरवी की जिनकी वजह से उन्हें काफी सराहना मिली. इन्होंने तंबाकू उद्योग के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी जिसकी बदौलत ही आज सभी तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी लिखी होती है. ऐश्वर्या भाटी महिला अधिकारों की पैरवी करने के लिए जानी जाती है. इन्होंने भारतीय सेनाओं की महिला अधिकारियों की स्थाई कमीशन और कमांड पदों के अधिकारों पर कानूनी लड़ाई लड़ी और जीती.

उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी हैं न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी

बहन ऐश्वर्या भाटी बताती हैं कि न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेंद्र भाटी बेहतरीन न्यायमूर्ति होने के साथ-साथ शानदार व्यक्तित्व के धनी हैं. वह अपनी संपूर्ण सफलता का श्रेय न्यायमूर्ति डॉ. भाटी को देती हैं. पूर्व में इनके साथी वकील रहे लोग बताते हैं कि डॉ. पुष्पेंद्र भाटी का सदैव सरल, सौम्य एवं सुलभ व्यक्तित्व रहा है. यही बात अब इनकी अदालत में और इनके निर्णयों में भी महसूस की जा सकती है.

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