Jyotiraditya Scindia Birthday: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आज जन्मदिन है. उनका जन्म आज ही के दिन 1971 में मायानगरी मुंबई में हुआ. ज्योतिरादित्य सिंधिया शाही ग्वालियर राजघराने से संबंध रखते हैं. सिंधिया परिवार ने कभी ग्वालियर पर शासन किया था. उनके दादा जीवाजीराव सिंधिया, सिंधिया राजवंश के अंतिम मराठा राजा थे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्यशैली के लाखों लोग दीवाने हैं. इसलिए राजनीति में उनकी एक अलग ही पहचान है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में उनकी गिनती सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में की जाती है. उन्होंने अपने पिता माधवराव सिंधिया को आदर्श मानते हुए अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. हालांकि उन्होंने कांग्रेस से सियासत शुरू की. लेकिन 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई.

पिता से विरासत में मिली राजनीति
राजनीतिक सफर की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति विरासत अपने पिता स्व. माधवराव सिंधिया से मिली. माधवराव सिंधिया अपने समय के दिग्गज कांग्रेस नेता थे. शुरुआत में जनसंघ के टिकट से चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए. पहले दादी विजयाराजे सिंधिया, फिर पिता माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना की बागडोर संभाले हुए हैं.
पहली बार गुना सीट से लड़ा चुनाव
30 सितंबर 2001 को विमान हादसे में माधवराव सिंधिया का निधन हो गया. पिता की मौत के बाद विदेश से लौटे ज्योतिरादित्य ने राजनीति में उतरने का फैसला किया. ज्योतिरादित्य ने 2002 में पहली बार पिता के देहांत के बाद उनकी पारंपरिक गुना सीट से चुनाव लड़े और लोकसभा पहुंचे. 2004 में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद गुना में जीत दर्ज कराई.

मनमोहन सरकार में भी संभाली बड़ी जिम्मेदारियां
ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब पहली बार 2007 में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. उन्हें संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2012 से मई 2014 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैबिनेट में वह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री बने. नवंबर 2012 में कैबिनेट फेरबदल में उन्हें विद्युत राज्य मंत्री बनाया गया. मनमोहन सरकार में उनकी गिनती सबसे प्रभावशाली नेताओं में की जाती थी.