National Youth Day 2024: बाड़मेर की शिव विधानसभा (Sheo) से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) अक्सर चर्चाओं में रहते हैं. उनकी जीत ने सभी को चौंका दिया था क्योंकि उनका यह पहला विधानसभा चुनाव था. रविंद्र भाटी ने 84 साल के दिग्गज कांग्रेस नेता अमीन खान को पटकनी देकर इतिहास रचा है. वह राजस्थान के सबसे युवा विधायक भी हैं जो प्रदेश की राजनीति में आने वाले सालों में अहम भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे. उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि प्रदेश के युवा उन पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं. आज राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर हम रविंद्र सिंह भाटी के बारे में बताने जा रहे हैं कि राजस्थान का एक युवा कैसे अचानक प्रदेश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया.
रविंद्र सिंह भाटी के लिए लोगों का प्यार ऐसा है कि जब वह चुनाव जीते तो उन्हें बधाई देने के लिए जनता का हुजूम उमड़ पड़ा. उनकी लोकप्रियता के आगे राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज छोटे नजर आते हैं. अब रविंद्र सिंह भाटी चुनाव जीतने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता का धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए खुद यात्रा पर निकल हुए हैं. ऐसे में वह एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं.
कौन हैं रविंद्र सिंह भाटी
रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र में स्थित दुधोड़ा गांव के रहने वाले हैं. चुनाव आयोग को दिए हल्फनामे के अनुसार रविंद्र सिंह भाटी की उम्र मात्र 25 साल है. 16वीं विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक में रविंद्र सिंह भाटी का नाम शामिल हो गया है. रविंद्र ने अपना पहला चुनाव लड़ा है. इससे पहले वह जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी में निर्दलीय चुनाव जीतकर छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे.
पिछले 1 साल से कर रहे थे चुनाव लड़ने की तैयारी
रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र में स्थित दुधोड़ा गांव के रहने वाले हैं. पिछले एक साल से भाटी इसी सीट से अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में जुट थे. गत वर्ष रन फॉर रेगिस्तान नाम का मैराथन निकालकर भाटी ने हजारों की संख्या में युवाओं को इकठ्ठा कर शक्ति प्रदर्शन किया था.
30 हजार रुपये में लड़ा चुनाव
रविंद्र सिंह भाटी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह चुनाव लड़ने जा रहे थे तो उनके पास मात्र 30 हजार रुपए थे. बाकि सभी व्यवस्था लोगों ने उनके लिए की. रविंद्र सिंह ने बताया कि मेरे पास महज 30 हजार रुपए थे लेकिन लोगों ने खूब प्यार और सहयोग दिखाया जिसके चलते उनको किसी चीज की कमी नहीं हुई. लोगों के प्यार के चलते ही उन्हें इतनी बड़ी जीत हासिल हुई.
युवाओं के बीच इसलिए है भाटी का क्रेज
रविंद्र सिंह जय नारायण विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के दौरान छात्र हितों से लगाकर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर कई आंदोलन किए. यहां तक कि हजारों युवाओं की भीड़ के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ विधानसभा का घेराव भी किया था. इस आंदोलन में भाटी यूनिवर्सिटी की जमीन बचाने में कामयाब भी रहे थे. इसी वजह से भाटी का युवाओं में काफी क्रेज है.