कलेक्टर: प्रकाश राजपुरोहित, वो डीएम जिनकी सादगी और कार्यशैली को देखकर हैरान रह जाते हैं लोग

आज सिविल सेवा दिवस है. इस खास मौके पर हम ‘कलेक्टर’ सीरीज शुरू कर रहे हैं. इसमें हम आपको हर रोज एक ऐसे IAS ऑफिसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने प्रशासनिक कौशल और दमखम के बूते समाज में बड़ा बदलाव लाया है. इसके साथ ही उन ऑफिसर्स की भी बात करेंगे जिनकी संवेदनशीलता और ईमानदारी को लाखों लोग सलाम करते हैं. ‘कलेक्टर’ सीरीज में आज हम आपको बता रहे हैं जयपुर जिले के कलेक्टर और IAS अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित के बारे में…

मूलरूप से राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले प्रकाश राजपुरोहित 2010 बैच के IAS अधिकारी हैं. वह जुलाई 2022 से जयपुर जिला कलेक्टर के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वह अजमेर, जोधपुर, बांसवाड़ा, अलवर व हनुमानगढ़ जैसे जिलों में भी कलेक्टर रह चुके हैं. लाइमलाइट से दूर रहने वाले प्रकाश राजपुरोहित उन विरले ऑफिसर्स में शुमार हैं जो हमेशा ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के साथ अपने काम पर फोकस करते हैं. यही वजह है कि वह जहां भी पोस्टेड रहे वहां उन्होंने अपने नवाचारों के चलते समाज में एक बड़ी तब्दीली लाई है.

आईएएस प्रकाश राजपुरोहित एक शानदार अधिकारी तो हैं ही, इसके साथ वे एक बेहद ही नेकदिल इंसान भी हैं. वह सादगी के साथ बिना कोई शोर मचाए अपना काम करना पसंद करते हैं. जब उन्हें जयपुर का कलेक्टर बनाया गया तो वह बिना किसी को सूचना दिए उदयपुर से सीधे सड़क मार्ग से जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंच गए और पदभार ग्रहण किया. उनकी इस सादगी को देखकर वहां मौजूद कर्मचारी भी उनकी कार्यशैली के कायल हो गए.

बिना अपॉइंटमेंट के कोई कभी भी मिल सकता है

अगर कोई भी अपने जिले के कलेक्टर से मिलना चाहता है तो उसे पहले अपॉइंटमेंट लेनी होती है. लेकिन जब प्रकाश राजपुरोहित जयपुर जिले के कलेक्टर बने तो उन्होंने नियम बनाया कि कोई भी बिना किसी अपॉइंटमेंट के उनसे कभी भी बेहिचक मिल सकता है. अगर किसी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो कोई व्यक्ति दिन में जितनी बार चाहे उतनी बार उनसे मुलाकात कर सकता है. उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही अपने दफ्तर से प्रोटोकॉल और पर्ची सिस्टम पूरी तरह से खत्म कर दिया और सीधे आमजन के दिलों से जुड़ गए. इससे पहले भी प्रकाश राजपुरोहित जहां भी पोस्टेड रहे उनसे मिलने के लिए लोगों को कभी अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ी और लोग उनसे मिलने के लिए सीधे उनके दफ्तर चले जाते थे.

दिव्यांग की फरियाद सुनकर जीत लिया था लोगों का दिल

मार्च 2023 में जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित अपने दफ्तर में बैठकर जनसुनवाई कर रहे थे. एक फरियादी अपनी समस्या बताने को उनके पास पहुंचा. इसी दौरान डीएम साहब की नजर हाथों के सहारे चलकर आ रहे एक दिव्यांग पर पड़ी तो उन्होंने सबसे पहले उसे बुला लिया. दिव्यांग उनके पास आया तो कलेक्टर ने अपनी टेबल पर दिव्यांग को बैठाया और खुद अपनी कुर्सी पर बैठ गए. टेबल पर बैठे दिव्यांग ने अपनी फरियाद जिला कलेक्टर को सुनाई तो कलेक्टर ने तुरंत समाधान कराने का आश्वासन दिया. कलेक्टर ने दिव्यांग को अपनी टेबल पर बैठा कर फरियाद सुनी तो जन सुनवाई में मौजूद लोग कलेक्टर की दरियादिली देखकर हैरान रह गए. क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि जनसुनवाई के दौरान अफसर कुर्सी पर बैठे रहते हैं और फरियादी खड़े रहते हैं और उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी जाती. लेकिन आईएएस प्रकाश राजपुरोहित की कार्यशैली बाकी ऑफिसर्स से काफी अलग है जो लोगों का दिल जीत लेती है.

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