सिविल सेवा दिवस पर जानिए उन खास ऑफिसर्स को जिन्हें सीएम भजनलाल ने प्रदेश के कायाकल्प के लिए चुना

आज सिविल सेवा दिवस है. उत्कृष्ट कार्य कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मान में हर साल यह दिवस मनाया जाता है. इस खास मौके पर आज हम आपको प्रदेश के उन होनहार और काबिल ऑफिसर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो राजस्थान की सत्ता के सबसे ताकतवर केंद्र सीएम ऑफिस में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ये ऑफिसर्स न केवल प्रदेश के विकास में नीतिगत मसलों पर अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं बल्कि अपनी सोच, दूरदर्शिता एवं नवाचारों के बलबूते प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दे रहे हैं. ये वे अधिकारी हैं जिनकी इस खूबी को देखते हुए ही सीएम भजनलाल शर्मा ने अपनी खास टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. आइए सिविल सेवा दिवस के मौके पर हम जानते हैं राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया के साथ ही सीएम भजनलाल की टीम के खास ऑफिसर्स के बारे में…

सुधांश पंत

1991 बैच के आईएएस अधिकारी सुधांश पंत मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वह राजस्थान के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और सीएम भजनलाल शर्मा के सबसे करीबी ऑफिसर हैं. सुधांश पंत अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठता और बोल्डनेस के लिए जाने जाते हैं. वह उन विरले ऑफिसर्स में से एक हैं जिनकी कार्यशैली के खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी कायल हैं. इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजस्‍थान कैडर के छह आईएएस अफसरों की वरिष्‍ठता को दरकिनार करके सुधांश पंत को मुख्य सचिव बनाया गया. कोरोना काल में जो काम सुधांश पंत ने किया उसकी चर्चा देशभर में हुई. मुख्य सचिव बनने से पहले सुधांश पंत भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव के पद पर काम कर रहे थे. लेकिन उनकी काबिलियत और प्रशासनिक क्षमताओं को देखते हुए उन्हें मुख्य सचिव बनाकर वापस राजस्थान भेज दिया गया. अब राजस्थान में भजनलाल सरकार की योजनाओं और प्रदेश की जनता के सपनों को साकार रूप देने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जिस अफसर की है वो आईएएस सुधांश पंत ही हैं.

शिखर अग्रवाल

1993 बैच के IAS शिखर अग्रवाल CM भजनलाल शर्मा के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं. वह वसुंधरा राजे सरकार के दोनों कार्यकाल में भी प्राइम पोस्टिंग पर रहे. शिखर अग्रवाल फास्ट डिसीजन लेने के लिए जाने जाते हैं. इसके साथ ही वह ऐसे अफसर है जिन पर इस बात का कभी कोई फर्क नहीं पड़ा कि प्रदेश में सरकार किस पार्टी की है. वह पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के साथ हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं. शिखर अग्रवाल साल 2016 में उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे जब जेडीए कमिश्नर रहते हुए वह जयपुर राजपरिवार से भिड़ गए थे. उन्होंने जमीन पर कब्जा लेने के बाद राजमहल होटल के गेट बंद कर दिए थे जिसके ताले खुलवाने के लिए पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी को मुख्यमंत्री से मुलाकात करनी पड़ी थी.

आलोक गुप्ता

1996 बैच के आईएएस ऑफिसर आलोक गुप्ता मूल रूप से अलवर जिले के रहने वाले हैं. वह सीएम भजनलाल शर्मा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं. इससे पहले वह ऊर्जा विभाग में प्रमुख शासन सचिव थे. प्रशासनिक कार्यों में लंबा अनुभव रखने वाले गुप्ता की गिनती प्रदेश के तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है. वह लाइमलाइट से दूर रहकर काम करने में विश्वास रखते हैं. वसुंधरा व गहलोत सरकारों के दौरान उन्होंने पर्यटन, देवस्थान के साथ कई विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसकी चर्चा आज भी होती है. सीएम ऑफिस में एंट्री होने के बाद वह आईएएस शिखर अग्रवाल के साथ सीएम भजनलाल शर्मा का पूरा कामकाज देख रहे हैं.

टीजे कविथा

आईएफएस टीजे कविथा साल 2000 बैच की अधिकारी हैं. वह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रमुख विशेषाधिकारी के तौर पर अपनी भूमिका निभा रही हैं. वह अकेली ऐसी आईएफएस अधिकारी हैं जिसे सीएम भजनलाल की टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है.

गौरव श्रीवास्तव

आईपीएस गौरव श्रीवास्तव मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं. वह सीएम सुरक्षा एवं मुख्यमंत्री सर्तकता के आईजी पद पर तैनात हैं. 2004 बैच के आईपीएस गौरव जयपुर के ही रहने वाले हैं. धौलपुर, सिरोही, झालावाड़, सीकर, अजमेर, नागौर, पुलिस मुख्यालय जयपुर में पुलिस अधीक्षक के अलावा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जयपुर एवं भरतपुर आईजी जैसे पदों पर रहते हुए उन्होंने जो नवाचार किए उन्हें आज भी सराहा जाता है. उनकी इस कार्यशैली और काबिलियत को देखते हुए ही उन्हें सीएम सुरक्षा की इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

संदेश नायक

मूलरूप से कर्नाटक के रहने वाले संदेश नायक 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह सीएम भजनलाल शर्मा के स्पेशल सेक्रेटरी हैं. चूरू, भरतपुर, सिरोही जैसे जिलों में कलेक्टर रह चुके संदेश नायक ने अपने करियर में कई अहम पदों पर काम किया है. संदेश नायक की कार्यशैली और लंबे प्रशासनिक अनुभव के चलते ही उन्हें सीएम ऑफिस में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है.

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सिद्धार्थ सिहाग

2012 बैच के आईएएस सिद्धार्थ सिहाग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जॉइंट सेक्रेटरी हैं. वह सीएमओ में इस पद पर रहते हुए अपनी सूझबूझ, कार्यशैली, संवेदनशीलता, दूरदर्शिता और तेजतर्रार व्यक्तित्व के जरिए प्रदेश के लिए बनी नीतियों को नई धार दे रहे हैं. वह अकेले ऐसे ऑफिसर हैं जो पहले कड़ी मेहनत से जज बने, फिर आईपीएस अधिकारी बने और इसके बाद महज 25 साल की उम्र में आईएएस बनकर चर्चाओं में छा गए. झालावाड़ और करौली के अलावा सिहाग चूरू जिले के भी कलेक्टर रहे. करौली में उन्होंने कोरोना काल में बेहतरीन काम किया जिसके चलते उनकी खूब तारीफ हुई. कलेक्टर रहते उनके द्वारा किए गए नवाचारों की चर्चा भी खूब होती है. आईएएस सिद्धार्थ सिहाग की पत्नी रुकमणी रियार भी एक आईएएस अधिकारी हैं.

योगेश कुमार श्रीवास्तव

राजस्‍थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी योगेश कुमार श्रीवास्‍तव मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा के ओएसडी हैं. धौलपुर के रहने वाले योगेश कुमार 2008 बैच के आरएएस अधिकारी हैं. वह लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राजस्थान के राज्यपाल के डिप्टी सेक्रेटरी भी रह चुके हैं.

सीएम भजनलाल के ऑफिस में जसवंत सिंह, अंजू राजपाल, विवेक कुमार, ओपी बुनकर-प्रथम बतौर संयुक्त सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं जयप्रकाश नारायण, मनोज कुमार, हेमेंद्र नागर, लक्ष्मण सिंह शेखावत मुख्यमंत्री के उप सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इनके अलावा राजकुमार सिंह, विकास राजपुरोहित, धनराज सोलंकी सीएम भजनलाल शर्मा के ओएसडी हैं.

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