Birthday Special: प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं में टॉप करना देश के लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है. लेकिन उनमें से विरले ऐसे लोग होते हैं जिनको यह लक्ष्य हासिल हो पाता है. ऐसी ही एक युवा ऑफिसर का नाम है शिवाक्षी खांडल. इन्होंने अपने पहले ही प्रयास में राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की थी. लेकिन इनकी सफलता केवल रैंक भर नहीं है उनके संघर्ष को आप देखेंगे तो उनके जज्बे को सलाम करने से नहीं रोक पाओगे. आज हम इनके जन्मदिवस पर ‘द कलंदर पोस्ट’ की सीरीज ‘तोड़ों बेड़ियां, कम नहीं बेटियां’ में शिवाक्षी खांडल के संघर्ष, जज्बे और प्रशासनिक सेवाओं में सुधार पर इनकी दूरदर्शी सोच की बात करेंगे.
आरएएस-2018 (RAS-2018) में ऑल राजस्थान तीसरी रैंक हासिल करने वाली जयपुर की शिवाक्षी खांडल (Shivakshi Khandal) का जन्म 12 अगस्त 1995 को हुआ. जब वह बड़ी हुई तो इनके पिताजी का सपना था कि उनकी बेटी ऑफिसर बनकर परिवार का नाम रौशन करें. लेकिन जब आरएएस परीक्षा का रिजल्ट आने वाला था उससे तीन महीने पहले इनके पिताजी का बीमारी से निधन हो गया था. सिर से पिता का साया छिन जाने के बावजूद शिवाक्षी ने हिम्मत नहीं होरी और RAS टॉपर्स में जगह बनाकर अपने पिताजी को सच्ची श्रद्धांजलि दी.
प्रदेश में संभाल रही हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
शिवाक्षी खांडल वर्तमान में प्रदेश में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रही हैं. इस समय वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्राइवेट सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वह अजमेर में एसडीएम के पद पर तैनात थी. शिवाक्षी अजमेर में असिस्टेंड कलेक्टर के पद पर भी रह चुकी हैं. खास बात ये है कि वह जहां भी तैनात रहीं, उनके काम और सादगी के चर्चे हर जगह रहे.
पापा का सपना था कि बेटी RAS ऑफिसर बने
जयपुर की रहने वाली शिवाक्षी साइंस बैकग्राउंड से हैं. बीटेक करने के बाद भी इन्होंने इस क्षेत्र में अपना करियर नहीं चुना. इसकी एक ही वजह थी कि उनके पिताजी का सपना. वे चाहते थे कि उनकी बेटी आरएएस ऑफिसर बनकर घर का नाम रौशन करें. इसलिए शिवाक्षी ने 2018 में आरएएस की तैयारी शुरू की. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. रिजल्ट से तीन महीने पहले ही उनके सिर से पिताजी का साया उठ गया. इसके बाद उनकी मां ने उन्हें संभाला और बेटी का हौसला नहीं टूटने दिया. आखिरकार जब रिजल्ट आया तो शिवाक्षी ने तीसरी रैंक लाकर अपने पिताजी का सपना पूरा करके ही दम लिया.
प्रदेश के एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर को मजबूती देने का है इरादा
शिवाक्षी ने जिस मकसद के साथ प्रशासनिक सेवा जॉइन की थी उनका वो हौसला आज भी कायम हैं. यही वजह है कि वह जहां भी पोस्टेड होती हैं अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ अंजाम देती हैं. शिवाक्षी का कहना है कि वह अब प्रदेश के हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर को मजबूती देना चाहती हैं. जब तक उनका यह लक्ष्य पूरा नहीं होगा वह प्रदेश की जनता की सेवा में लगी रहेंगी.