भारत के गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह इंटरनेशन क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के नए चेयरमैन बन गए हैं. महज 35 साल की उम्र में इस पद तक पहुंचने वाले वो सबसे युवा क्रिकेट प्रशासक हैं. ये पहला मौक़ा है, जब 57 साल से कम उम्र का कोई शख़्स आईसीसी का अध्यक्ष बना है.
जय शाह इस पद तक पहुँचने वाले पाँचवें भारतीय हैं. उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी के अध्यक्ष रह चुके हैं.
जय शाह ने अपनी प्रारंभिक प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा गुजरात में पूरी की, जिसके बाद उन्होंने अहमदाबाद के प्रतिष्ठित निजी संस्थान निरमा विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) की डिग्री प्राप्त की. इससे पहले वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष का कामकाज संभाल रहे हैं. जय शाह एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती और भारत के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं.

क्रिकेट प्रशासन में मनवाया अपनी काबिलियत का लोहा
जय शाह का क्रिकेट प्रशासन में अब तक का करियर यह है कि उन्होंने बीसीसीआई सचिव के रूप में क्रिकेट प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बीसीसीआई में अपनी भूमिका के अलावा, शाह एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष भी हैं, जिससे क्रिकेट जगत में उनका प्रभाव और मजबूत हुआ है.
जय शाह के समर्पण और रणनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें खेल समुदाय के भीतर मान्यता और सम्मान दिलाया है और अब जय शाह 1 दिसंबर 2024 से आईसीसी के अध्यक्ष का पद संभालेंगे. 35 वर्षीय जय शाह वैश्विक शासी निकाय के अध्यक्ष का पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन जाएंगे.
नई सोच और नए प्रयोग पर भरोसा
जय शाह नई सोच और नए प्रयोग पर भरोसा करने वाले अद्भुत व्यक्ति हैं. ये बात उन्होंने बीसीसीआई के सचिव रहते हुए भी साबित की है. आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद आईसीसी की ओर से जारी किए गए एक बयान में जय शाह ने कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरमैन के रूप में नामांकन से अभिभूत हैं. जय शाह ने कहा, “हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ कई प्रारूपों के क्रिकेट के एक साथ बनाए रखने के लिए संतुलन स्थापित करना, उन्नत तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देना और हमारे प्रमुख आयोजनों को नए वैश्विक बाज़ारों में पेश करना महत्वपूर्ण है.” उन्होंने इसी बयान में ओलंपिक खेलों में क्रिकेट के मुद्दे पर कहा है कि अब तक सीखे गए मूल्यवान सीख के मुताबिक़ तो काम करेंगे ही, साथ में, दुनिया भर में क्रिकेट के प्रति प्यार को बढ़ाने के लिए नई सोच और नए प्रयोगों को भी अपनाना होगा.