सर्दी का मौसम आते ही दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली होने लगी है. लेकिन जब भी दिल्ली में कोई समस्या आती है तो आम आदमी पार्टी (AAP) इसका समाधान करने की बजाय विपक्ष पर आरोप मंडने के लिए कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेती है. कोई और बहाना नहीं मिले तो हिंदू त्योहार दीपावली पर इसका ठीकरा फोड़ दिया जाता है. इन सबके बीच दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर प्रदूषण खत्म करने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश को इसके लिए जिम्मेदार बताकर ब्लेम गेम खेलना शुरू कर दिया है.
अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है. 21 अक्टूबर, 2024 को दिल्ली के आनंद विहार, पटपडगंज, नेहरू नगर और विवेक विहार समेत अधिकांश इलाकों में AQI का स्तर 300 के ऊपर है. कुछ एक इलाकों में यह आँकड़ा 400+ है. दिल्ली में स्मॉग की वापसी भी हो चुकी है और सड़कों पर विजिबिलिटी कम हो गई है. हालत यह हो गई है कि दिल्ली में अब फिर से लोगों को मास्क लगाकर बाहर निकलना पड़ रहा है.
AAP सरकार पंजाब को नहीं मानती प्रदूषण के लिए दोषी
दिल्ली की हवा बिगड़ने के साथ ही AAP सरकार ने ‘ब्लेम गेम’ चालू कर दिया है. 2022 से पहले AAP पंजाब में विपक्ष में थी तब वह दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दोषी मानती थी. लेकिन अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है इसलिए उसे अब प्रदूषण के लिए दोषी नहीं माना जा रहा है. अब सारा दोष हास्यास्पद तरीके से भाजपा शासित हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है.

आतिशी के दावे से खुली दिल्ली सरकार की पोल
मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में दावा किया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आने वाली बसें दिल्ली में प्रदूषण फैला रही हैं. उनका यह भी दावा है कि दिल्ली की गंदी हवा हरियाणा और यूपी से आती है. AAP ने इस हवा का जिक्र करते हुए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मत्थे पूरा दोष मढ़ दिया लेकिन पंजाब का नाम नहीं लिया. प्रदूषण को राजनीतिक तराजू पर तोलने वाली AAP ने पिछले एक दशक में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कोई ख़ास काम नहीं किया. इस तरह के दावों से अपने आप ही दिल्ली की आप सरकार की पोल खुलती जा रही है.
कोरोना काल में भी AAP ने खेला था ब्लेम गेम
आम आदमी पार्टी के लिए यह ब्लेम गेम कोई नई बात नहीं है. प्रदूषण का मुद्दा छोड़ भी दिया जाए तो दिल्ली में पानी की कमी से लेकर जल जमाव और कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी AAP ने यही ब्लेम गेम खेला था. दिल्ली की किसी भी समस्या का समाधान करने वाली AAP यह कार्ड अनगिनत बार खेल चुकी है.
प्रदूषण रोकने में पूरी तरह फेल हुई AAP सरकार
प्रदूषण कम करने के लिए AAP सरकार ऑड-ईवन नीति लेकर आई थी जो फ्लॉप हो गई. इसके बाद दी दिल्ली में स्मॉग टॉवर पर AAP ने खूब हल्ला मचाया. इनकी संख्या 2-4 से ऊपर नहीं बढ़ी और जो बने भी हैं, वह आज के समय में एक इमारत के सिवाय कुछ भी नहीं. AAP सरकार ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि वह प्रदूषण का स्तर अपनी सरकार आने के बाद तिहाई स्तर पर ले आएँगे, यह भी होता हुआ नहीं दिख रहा. प्रदूषण रोकने में आम आदमी पार्टी की सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है.
इलेक्ट्रिक बसें चलाने में भी फिसड्डी साबित हुई दिल्ली सरकार
दिल्ली के प्रदूषण से निपटने का सबसे आसान तरीका था कि वह अपनी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदले और इसकी शुरुआत बसों से करे. इसमें भी दिल्ली सरकार फिसड्डी साबित हुई है. दिल्ली में अभी लगभग 10000 बसों में 2000 बसें ही इलेक्ट्रिक हैं. यह भी केंद्र सरकार के सहयोग से आई हैं. दिल्ली में मेट्रो और RRTS नेटवर्क बढ़ाने पर भी AAP सरकार फेल साबित हुई है. ठोस कदम उठाने की बजाय दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने का एक नायाब तरीका AAP सरकार को दिल्ली में पटाखे बैन करना लगता है. उसने एक बार फिर दिल्ली में दिवाली से लेकर नए साल तक पटाखों पर बैन लगा दिया है. इस तरह से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी को केवल हिंदू त्योहारों से नफरत है और यह एक हिंदू विरोधी पार्टी है जो लोगों को गुमराह कर वोट पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

पराली का 93% प्रदूषण पंजाब से
AAP सारा दोष भले ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत बाकी संसार को दे लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा रोल पंजाब का है. अभी धान की कटाई शुरू भी नहीं हुई है और पंजाब में पराली जलाने का आँकड़ा 1400 के पार पहुँच गया है. इसके अलावा बीते सालों की बात की जाए तो 2023 में पराली जलाने की 93% से अधिक घटनाएँ पंजाब में हुई. पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दिल्ली NCR, पंजाब और हरियाणा में मिलाकर पराली जलाने की कुल 39186 घटनाएँ हुई. इनमें से 36663 घटनाएँ अकेले पंजाब में हुई.
पंजाब की भगवंत मान सरकार की इस विफलता का नतीजा दिल्ली के नागरिक भुगत रहे हैं और उन्हें जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है. अब देखना यह होगा कि क्या दिल्ली की नई सीएम आतिशी प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है या वो भी गिरगिट अरविंद केजरीवाल की तरह ब्लेम गेम खेलकर दिल्ली की जनता को गुमराह करते रहेगी.